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Read Moreनागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा है कि देवेंद्र फड़णवीस के नाम के आगे नेता विपक्ष का तमगा ज्यादा दिनों तक नहीं लगा रहेगा। जोशी ने कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में उनकी पहचान एक सीमित अवधि के लिए ही है। जोशी ने कहा कि विपक्ष का नेता या बहुत लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री बने रहना उनकी किस्मत में नहीं है।
ये दोनों ही छोटी अवधि के हैं, राजनीतिक उतार-चढ़ाव लोकतंत्र का एक हिस्सा हैं। शुक्रवार को नागपुर शहर में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने यह टिप्पणी की, जहां भाजपा के नेता प्रतिपक्ष फड़णवीस और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। इस दौरान लोगों ने खूब तालियां भी बजाईं। आरएसएस नेता ने कहा कि अपनी तमाम खामियों के बावजूद, लोकतंत्र अभी भी देश के लिए सबसे अच्छा शासन है, लेकिन अफसोस है कि संविधान से अधिकार पाने के बावजूद लोग अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन बने हुए हैं।
उन्होंने कहा, लोकतंत्र में सरकारें होती हैं जो आती हैं और चली जाती हैं। सरकार बहुत बड़ी ताकत के साथ निहित होती है, जो समाज द्वारा बनाई जाती है। दुनियाभर में लोकतांत्रिक रूप में शासन की खामियां कम से कम हैं और यह सबसे आदर्श प्रणाली है।
जोशी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए सफलता प्राप्त करने के लिए आम जनता को जागृत होने की जरूरत है, क्योंकि लोकतंत्र की वास्तविक ताकत उनमें ही निहित है। फड़णवीस पर जोशी की टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, क्योंकि वे सत्तारूढ़ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी सरकार में राजनीतिक उथल-पुथल का संकेत दे रहे हैं।
पिछले साल महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना वाले गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार नहीं बना सकी थी। मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों दलों में लंबे समय तक तकरार चलने के बाद अंत में गठबंधन टूट गया। 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें जीतने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा और शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
साभार-khaskhabar.com