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Read Moreनई दिल्ली । सीबीआई ने ICICI बैंक के लोन घोटाले के मामले में वीडियोकोन के पूर्व चैयरमेन वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले चंदा कोचर और दीपक कोचर की गिरफ्तार हो चुकी है ।
आपको बता दे कि सात साल पहले 3,250 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा कोचर दंपति के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें वीडियोकॉन समूह भी शामिल था।
सीबीआई ने चंदा कोचर पर 2009-2011 के बीच उद्योगपति वेणुगोपाल एन. धूत के वीडियोकॉन समूह को अवैध रूप से ऋण स्वीकृत करने का आरोप लगाया है।
सीबीआई ने इससे पहले 2019 में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के अलावा कोचर दंपति और धूत पर केस दर्ज किया था।
सीबीआई ने दावा किया कि वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के बाद धूत ने कथित तौर पर 64 करोड़ रुपये न्यू पावर रिन्यूएबल्स में स्थानांतरित कर दिए, जहां दीपक कोचर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि कोचर के कारण आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप और अन्य को बैंक की नीतियों के खिलाफ ऋण स्वीकृत किया और बाद में इन्हें गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ और कर्ज लेने वालों को लाभ पहुंचा। जांच के बाद सीबीआई ने इसे धोखाधड़ी करार दिया।
बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा के नेतृत्व के दौरान अधिकतम एनपीए की सूचना दी। आरटीआई के तहत पुणे के व्यवसायी प्रफुल्ल शारदा द्वारा मांगी गई जानकारी के मुताबिक 2021 तक यह लगभग 200,000 करोड़ रुपये हो गया था।
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक ने 42,164 करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है।
साभार-khaskhabar.com
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