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Read Moreगुरुवार यानि 19 अगस्त को आसमान में एक खगोलीय घटना घटने जा रही है। पृथ्वी का सौर परिवार के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) से सामना होगा। पृथ्वी इस दिन बृहस्पति (गुरु) और सूर्य के बीच में आ जाएगी। इससे बृहस्पति (गुरु), पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीध में होंगे। इस रात्रि में पृथ्वी और जुपिटर के बीच की दूरी सबसे कम होने के कारण आकाश में गुरु दर्शन होंगे।
गुरू, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सरल रेखा होंगे
भोपाल की विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि सूर्य की परिक्रमा करते हुए पृथ्वी 19 अगस्त को देर रात गुरु और सूर्य के बीच पहुंच रही है। इससे गुरू, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सरल रेखा में होंगे। उन्होंने बताया कि इस खगोलीय घटना को जुपिटर एट अपोजिशन कहते हैं। इस दौरान बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से साल की सबसे कम दूरी पर होगा।
पूरी रात जुपिटर को देख सकेंगे
सारिका ने बताया कि सबसे बड़ा ग्रह होने के कारण वैसे तो गुरु (जुपिटर) चमकदार रहता ही है, लेकिन इस समय सबसे नजदीक होने के कारण यह अलग ही चमकदार दिखाई देगा। पूर्व में उदित होने के बाद आप पूरी रात जुपिटर को देख पाएंगे। मध्य रात्रि में यह ठीक सिर के ऊपर होगा और सुबह-सबेरे यह पश्चिम दिशा में अस्त हो जायेगा।
पूर्व में जुपिटर और पश्चिम में वीनस आएगा नजर
उन्होंने बताया कि गुरुवार, 19 अगस्त की शाम सूर्यास्त के बाद जब आप पूर्व (ईस्ट) में देखेंगे तो सौर परिवार का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर चमक रहा होगा, जबकि पश्चिम (वेस्ट) दिशा में सौर परिवार का सबसे चमकदार ग्रह शुक्र (वीनस) चमक रहा होगा। इसके अलावा, 22 अगस्त को रक्षा बंधन पर पूर्णिमा की शाम चंद्रमा भी जुपिटर के नजदीक दिखेगा।
लगभग हर 13 माह में होती ये खगोलीय घटना
सारिका ने बताया कि अपोजिशन की इस घटना के समय जुपिटर की दूरी लगभग 60 करोड़ किलोमीटर होगी। इस समय इसकी चमक माइनस 2.9 मैग्नीट्यूड होगी। उन्होंने बताया कि पृथ्वी के गुरु और सूर्य के बीच आने की यह खगोलीय घटना लगभग हर 13 माह में होती है। अब यह घटना 27 सितम्बर 2022 को होगी।
क्यों खास है यह घटना
सारिका ने बताया कि अपोजिशन की घटना के समय कोई भी ग्रह पृथ्वी से सीध में रहते हुए साल की सबसे कम दूरी पर होता है। इसे पेरिजी कहते हैं। इस कारण ग्रह अपेक्षाकृत बड़ा और अधिक चमकदार दिखता है।
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