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Read Moreमुंबई। भारतीय शेयर बाजार संवत 2081 के आगमन के साथ ही निवेशकों के लिए बेहतर निवेश का नया रास्ता खोलने जा रहा है। विशेषज्ञों ने शनिवार को कहा कि निवेशकों के पास गतिशील और विकसित होते बाजार में अपने वित्तीय फैसलों को नया रूप देने का अवसर है। यह परंपरा और समृद्धि के साथ, हरित ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सर्विस जैसे सेक्टर में भारत की उच्च-विकास क्षमता के साथ जुड़ी निवेश रणनीतियों को लेकर एक आदर्श समय है।
बाजार के जानकारों के अनुसार, भारत की विकास पहल, मजबूत घरेलू मांग और इक्विटी बाजार में घरेलू बचत के बढ़ते रुझान को देखते हुए, आने वाला साल निवेश को लेकर नए मानक स्थापित करेगा। संवत वर्ष 2080 में, निवेशकों की संपत्ति केवल एक वर्ष में 128 लाख करोड़ रुपए (वर्तमान विनिमय दर पर लगभग 1.5 ट्रिलियन डॉलर) बढ़कर 453 लाख करोड़ रुपए हो गई। इससे संवत 2080 सबसे अधिक संपत्ति सृजन वाला वर्ष बन गया, जिसमें स्थिर सरकार, मजबूत बुनियादी ढांचे और घरेलू फंडों द्वारा रिकॉर्ड 4.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश शामिल था।
संवत 2080 में सोने और चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखी गई, दोनों कीमती धातुओं ने क्रमशः 32 प्रतिशत और 39 प्रतिशत का रिटर्न दिया। टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज के संयुक्त एमडी विवेक गोयल के अनुसार, "आज के बाजार में विविधीकरण जरूरी है। उन्होंने आगे कहा, "म्यूचुअल फंड, विशेष रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और नवीकरणीय ऊर्जा में थीमैटिक फंड, किसी भी स्तर पर निवेशकों के लिए दीर्घकालिक विकास के साथ लाभ का संतुलित, सीधा रास्ता प्रदान करते हैं। निफ्टी 50 और सेंसेक्स जैसे इंडेक्स फंड भी भारत की शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों से पूंजी लगाने के लिए एक सुलभ और कम लागत वाला मार्ग प्रदान करते हैं। यह विशेष रूप से लगातार रिटर्न पाने के लक्ष्य वाले निष्क्रिय निवेशकों के लिए सही हैं।"
साभार-khaskhabar.com