Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreमथुरा। कोराना के सक्रिय मरीजों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। तमाम आंकडों के बीच चिकित्सा संसाधनांे पर सक्रिय मरीजों का ही दबाव रहता है। इस संख्या को नियंत्रित में कमी लाने के लिए प्रशासन ताकत झौंक रहा है।
जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने अवगत कराया है कि मथुरा जनपद में कोविड-19 के कुल 19812 में से 17648 मरीज ठीक होकर डिस्चार्ज हो गये हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में 342 मरीज स्वस्थ्य हुए हैं तथा वर्तमान में कुल 1897 सक्रिय मरीज हैं। उन्होंने बताया कि 98 नये कोरोना पाॅजिटिव मरीज निकले हैं। श्री चहल ने कहा कि सफाई, दवाई और कड़ाई से कोरोना को हराने में कामयाबी मिलेगी। उन्होंने बताया कि निगरानी समिति के कार्यों की समीक्षा प्रतिदिन की जाएगी तथा कंटेंमेंट जोन की निगरानी सख्ती के साथ की जा रही हैं।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. रचना गुप्ता ने अवगत कराया है कि कोविड-19 के मरीजों हेतु नौहझील स्वास्थ्य केन्द्र पर 30, कोसी स्वास्थ्य केन्द्र में 30, सांगवान अस्पताल कोसी में 10 तथा गोयल अस्तपाल में 20 कोविड-19 आॅक्सीजन युक्त बैड तैयार कर लिये गये हैं। उन्होंने जानकारी दी कि कोविड-19 केस लगातार कम निकल रहे हैैं तथा सैम्पलिंग दोगुनी कर दी गयी है।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में निरंतर साफ-सफाई तथा सेनेटाजेशन कार्य किया जा रहा है, जिसका परिणाम देहात क्षेत्रों से निकलकर यह आया है कि कोविड-19 केस विगत दिनों से कम निकल रहे हैं। जनपद वासियों को आॅक्सीजन गैस मुफ्त दी जा रही है और आरआरटी टीम तथा निगरानी समितियां लगाकर कार्यवाही कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के बैड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उप जिलाधिकारी गोवर्धन राहुल यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि सब्जी, फल, एवं किराने के दुकानदार जो कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बैच रहे हैं उन व्यक्तियों की प्राथमिकता के आधार पर सैम्पलिंग की जा रही है एवं उनमें लक्ष्ण दिखने पर मेडिकल किट उपलब्ध करायी गयी है। ऐसे दुकानदारों, फल तथा सब्जी विक्रेताओं के सम्पर्क में दिनभर बहुत लोग आते हैं, यदि ये स्वयं संक्रमण मुक्त रहेंगे, तो कोरोना संक्रमण की चैन स्वतः ही टुटेगी।
तहसील क्षेत्र के समस्त ग्रामों एवं नगर निकायों में इन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन स्थानों पर कम विक्रेता हैं उनको निगरानी समितियों के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह अपने संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र पर सैम्पल दें और जहां बड़े ग्राम है और अधिक विक्रेता हैं वहां पर मेडिकल टीम जाकर कैम्प लगाकर टैस्टिंग कार्य करेगी तथा मेडिकल किट वितरण कर आवश्यक कार्यवाही भी की जायेगी।
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