Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreभारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनाव कार्यक्रम के सिलसिले में साल 1986 में कल्याण सिंह देहरादून में थे। उन दिनों पार्टी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी भी वहां आए थे। तब कल्याण सिंह को तीन दिन संगठनात्मक कार्य के लिए दून में ही रुकना पड़ा। उस समय वे मित्तल परिवार के साथ उनके घर पर ही रहे थे। एक दिन मित्तल परिवार के यहां अतिथियों की संख्या ज्यादा हो गई तो कल्याण सिंह ने खुशी-खुशी कमरा शेयर किया। अपने इस मिलनसार स्वभाव के कारण भी कल्याण सिंह विशेष पहचान रखते थे।
दून के मित्तल परिवार के यहां खूब रहा कल्याण सिंह का आना
दिवंगत नेता कल्याण सिंह की उत्तराखंड के साथ ऐसी ही कई यादें जुड़ी हुई हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के उस जमाने में उनका उत्तराखंड खूब आना-जाना हुआ करता था। ऐसे में वे मित्तर परिवार से भेंट जरूर किया करते थे। दरअसल, भाजपा नेता स्वर्गीय नरेंद्र स्वरूप मित्तल के साथ उनके आत्मीय संबंध रहे और दोनों ने मिलकर पार्टी संगठन को खड़ा करने के लिए और उसे मजबूती प्रदान करने के लिए खूब काम किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता पुनीत मित्तल को कल्याण सिंह के साथ गुजारे पल अच्छे से याद हैं। पुनीत बताते हैं- उनके पिता का कल्याण सिंह बहुत सम्मान करते थे और उत्तराखंड से संबंधित विषयों पर उन्हीं से फीडबैक लिया करते थे। 1991 में उत्तरकाशी में भूकंप त्रासदी के दौरान मुख्यमंत्री रहते हुए कल्याण सिंह जब उत्तराखंड आए, तब उन्होंने उनके पिता से रायशुमारी करते हुए राहत और बचाव कार्य को आगे बढ़ाया।
रात में खाना खाने के बाद पान खाने की थी आदत
मित्तल एक दिलचस्प किस्सा और बयान करते हैं। कहते हैं-कल्याण सिंह को रात में खाना खाने के बाद पान खाने की आदत थी। एक बार जब वह उनके लिए पान लेकर आए तो अचानक से पान जमीन पर गिर गया। कल्याण सिंह झट से बोल पडे़-अपशकुन टल गया है। इस पान के जमीन पर गिरने के पीछे भी भगवान ने अच्छा ही सोचा होगा। मित्तल के अनुसार इसके बाद कल्याण सिंह इस बात के लिए कतई राजी नहीं हुए कि उनके लिए दूसरा पान लाया जाए। कल्याण सिंह को संगठन का काम करते हुए कभी भी किसी बात के लिए नाराज होते हुए नहीं देखा। वह छोटे कार्यकर्ताओं के साथ भी बडे़ प्यार से पेश आते। उनके साथ स्कूटर के पीछे बैठकर काफी दूर तक निकल जाया करते थे। गौचर की एक सभा में उन्होंने भाषण के दौरान उत्तराखंड के प्रति अपने प्रेम को बहुत अच्छे ढंग से सामने रखा था। उन्होंने कहा था-देवभूमि उत्तरांचल उन्हें बहुत अच्छी लगती है और इच्छा होती है कि मां गंगा के किनारे अपनी एक कुटिया हो और वह यहीं रह जाएं।
Related Items
सनातन धर्म की रक्षा के लिए पवन कल्याण ने लांच की 'नरसिंह वाराही ब्रिगेड'
लखनऊ बिल्डिंग हादसे को लेकर राजनाथ सिंह ने जताया दुख, घायलों का इलाज और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
हवाई वाहवाही लूटने में गुजार दिये दस सालः सुरेश सिंह