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भारत बढ़ा रहा अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी पैठ

केंद्र सरकार स्पेस सेक्टर में स्थित बड़ी संभावनाओं को पहचानने और उनके समुचित उपयोग के लिए प्रतिबद्ध है। स्पेस सेक्टर में निजी क्षेत्र की प्रतिभाओं को प्लेटफॉर्म देने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है। पीएम मोदी ने गुजरात के अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के मुख्यालय की शुरुआत की। IN-SPACe केंद्र सरकार की स्पेस क्षेत्र, स्पेस टेक्नोलॉजी, स्पेस एप्लीकेशन के कल्याणकारी उपयोग के लिए की गई कल्पना का भाग है। भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए इकोसिस्टम खड़ा करने हेतु पीएम मोदी ने 2 साल पहले इस पहल की शुरुआत की थी।

क्या है IN-SPACe ?

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) अंतरिक्ष विभाग के तहत एक स्वतंत्र नोडल एजेंसी है जो अंतरिक्ष गतिविधियों की अनुमति देती है और गैर-सरकारी निजी संस्थाओं (NGPE) के स्वामित्व वाली सुविधाओं के उपयोग के साथ-साथ लॉन्च मैनिफेस्ट को प्राथमिकता देती है। IN-SPACe को अपने स्वयं के संवर्ग के साथ सिंगल विंडो नोडल एजेंसी के रूप में स्थापित किया जाना है, जो अंतरिक्ष उद्योग में निजी क्षेत्र को अनुमति देगा और इसकी देखरेख करेगा। अंतरिक्ष गतिविधियों में प्रक्षेपण वाहनों और उपग्रहों के निर्माण और अंतरिक्ष आधारित सेवाएं प्रदान करने सहित चल रही अन्य गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए इसरो के नियंत्रण में अंतरिक्ष के बुनियादी ढांचे और परिसर को साझा करना है

क्यों पड़ी जरूरत ?

भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में अपार संभावनाओं को विस्तार देने के लिए निजी क्षेत्र को शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत और ISRO की उपलब्धियों को प्रैक्टिकल उपयोग में लाना, निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को जोड़ना है। इसके साथ भारतीय अंतरिक्ष उद्योग अर्थव्यवस्था में IN-SPACe की पहल एक बहुत बड़ा कंट्रीब्यूटर बनेगा। IN-SPACe के शुरू होने से निजी क्षेत्र की प्रतिभाओं को प्लेटफॉर्म और सहायता मिलेगी और अंतरिक्ष क्षेत्र में अपार संभावनाओं को विस्तार देने के लिए उनकी खोजों को जमीन पर उतारने के लिए रास्ता निकाला जाएगा।

नई नीति द्वारा होगा नियंत्रण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नियंत्रण के तहत सुविधाओं की स्थापना सुरक्षा मानदंडों और व्यवहार्यता मूल्यांकन के आधार पर हुई है। इसके अंतर्गत रिमोट सेंसिंग डेटा का विपणन, साझाकरण और प्रसार रिमोट सेंसिंग नीति द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। नई नीति के अनुसार परीक्षा की आवश्यकता वाले प्रत्येक आवेदन की जांच की जाएगी और कानूनी और सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इन-स्पेस द्वारा अनुमति दी जाएगी। IN-SPACe का निर्णय इसरो सहित सभी हितधारकों के लिए अंतिम और बाध्यकारी होगा। एनजीपीई को इसरो से अलग से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

ISRO का अहम रोल

भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में नई ऊंचाई देने के लिए लिए इसरो का हमेशा से अहम योगदान रहा है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इसरो ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्रों को काम करने का मौका देने के लिए अपने इस प्रभाग की स्थापना की है। कई परियोजनाओं से देश को गौरववान्वित करने वाला इसरो अब युवाओं को स्पेस सेक्टर में आगे ला रहा है। IN-SPACe के आने से भारतीय युवाओं को एक मंच मिला है, जहां से वे विश्व के युवाओं के साथ स्पर्धा कर सकेंगे।

युवाओं के लिए स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म

पीएम मोदी ने कहा कि स्पेस सेक्टर में रिफॉर्म करके उसे सारी बंदिशों से आजाद करके IN-SPACe के माध्यम से प्राइवेट इंडस्ट्रीज को भी सपोर्ट करके देश आज विजेता बनाने का अभियान शुरू कर रहा है। आज प्राइवेट सेक्टर सिर्फ वेंडर बनकर नहीं रहेगा, बल्कि स्पेस सेक्टर में बिग विनर्स की भूमिका निभाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार भारत के युवाओं के सामने से हर अवरोध हटा रही है, लगातार रिफॉर्म कर रही है। डिफेंस सेक्टर को प्राइवेट इंडस्ट्री के लिए खोल देना, आधुनिक ड्रोन पॉलिसी बनाना, जियो स्पेशल डेटा गाइडलाइन बनाना हो, सरकार हर दिशा में काम कर रही है। कोशिश है कि हम भारत के प्राइवेट सेक्टर के लिए ज्यादा से ज्यादा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का माहौल बनाएं ताकि देश का प्राइवेट सेक्टर, देशवासियों की इज ऑफ लिविंग में उतनी ही मदद करे।

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