ई-श्रम कार्ड से असंगठित श्रमिकों की जिंदगी में आएगा बदलाव, जानें क्यों है जरूरी
Read Moreदेश तभी तरक्की करेगा जब किसान तरक्की करेंगे। इसलिए किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बाजार मुहैया कराने के लिए तमाम पहलों पर काम हो रहा है। इसके लिए परंपागत खेती को आधुनिक खेती से जोड़ कर बढ़ावा दिया जा रहा है। सरकार खेती-किसानी वाले उत्पादों से संबंधित उद्योगों को भी बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार भी किसानों को साथ मिल कर वाइनरी उद्योग को बढ़वा देने पर काम कर रही है। दरअसल, उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग ने वाइनरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए किसानों का अधिक से अधिक साथ लेने की योजना बनाई है। वाइनरी के लिए किसानों से फलों की खरीद की जाती रही है और आने वाले वक्त में फलों की खेती को प्रोत्साहित कर बड़ी मात्रा में फल खरीद होगी।
उपयोगी फलों की बनायी जा रही सूची
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने किसानों के मध्य बने समूहों में वार्ता शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश में होने वाले फलों में वाइनरी के लिए उपयोगी फलों के किसानों की सूची बनायी जा रही है। प्रदेश में सबट्रॉपिकल फल आम, जामुन, अमरूद, केला, आंवला, आडू, चीकू, फालसा, शहतूत, बेर की खेती-किसानी करने वाले किसानों को सूचीबद्ध कर आगे उनके साथ बैठकें की जाएंगी। वहीं इस पहल के बाद किसानों बचे उत्पाद या ज्यादा उत्पाद नुकसान से बचेंगे। साथ ही उन फलों की खेती के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और स्वरोजगार के अवसर खुलेंगे।
युवाओं का बढ़ रहा रुझान
किसानों से बैठकों के बाद उनके समक्ष आबकारी विभाग अपनी बात रखेगा और किसानों का पक्ष सुनकर योजना को अंतिम रूप देगा, जिससे फलों के उपयोग से वाइनरी के उद्योग को उपयोग के फलों को उपलब्ध कराया जा सके और उत्पादन में प्रदेश को नम्बर वन बनाया जा सके।
आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय ने बताया कि वर्तमान समय में परम्परागत रूप में फलों के व्यवसाय में किसान लगे हैं। इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी करती है। इसके अतिरिक्त युवाओं का भी रुझान वाइनरी क्षेत्र में बढ़ रहा है, उन्हें भी तेजी से जोड़ना हैं। आगामी नौ जुलाई इसको लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है।
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