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MATHURA : खतरे के निशान से पार यमुना का जलस्तर

मथुरा। यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। मंगलवार को सुबह यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया। यमुना खादर में बनी काॅलोनियों और यमुना तलहटी के गांवों के वाशिंदों की धड़कन एक बार फिर बढ़ गई हैं। मंगलवार सुबह सात बजे प्रयाग घाट पर यमुना का जलस्तर 165.99 मीटर रहा है। आठ बजे यमुना के जलस्तर ने 166 मीटर के निशान को छू लिया। 11 बजे तक जलस्तर 166.03 मीटर तक पहुंच गया। ओखला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की जा रही है। यमुना में आई बाढ़ में निचले इलाकों में हुए जलभराव से अभी लोगों को पूरी तरह से राहत नहीं मिली थी। बडी संख्या में लोग इस उम्मीद में बाढ़ राहत शिविरों में दिन गुजार रहे हैं कि हालात सामान्य होने पर वह अपने घरों में लौटेंगे। यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने के बाद ऐसे लोगों की उम्मीदों को झटका लगा है। धाम वृंदावन में कुछ समय पहले यमुना में बढ़ रहे जलस्तर से निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों से लोग विस्थापित हुए थे, लेकिन यमुना में जलस्तर कम हुआ और लोगों को कुछ राहत प्रदान मिली थी। लेकिन बीते दो दिनों से यमुना के जलस्तर में एक बार फिर से बढ़ोतरी हो रही है। जिसके कारण वृंदावन वासियों को एक बार फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा में भी एक बार फिर से पानी आ गया है। अधिक मास में परिक्रमा करने वाले परिक्रमार्थियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निचले इलाकों में बनी कॉलोनियों के निवासी अभी भी मथुरा वृंदावन में बने राहत शिविर केंद्र में रह रहे हैं।

 

नारद संवाद


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