Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreकर्म फल भोगना पड़ता है इसलिए हमेशा सद मार्ग पर चले..कर्माधिकारी शनिदेव कहते है कोई भी जीव इस से बच नहीं सकता.. क्योंकि खुद ईश्वर को भी इस चक्र से गुजरना पड़ता है..कोई सोचे भक्ति, दान, तप करके अपने पिछले सर वर्तमान के चल रहे कर्मों को सुधार दे तो ये संभव नहीं है परंतु जो तुम आज अच्छे कर्म कर रहे हो उसका फल मिलेगा जरूर...कर्म की बहुत बड़ी भूमिका है जीव के जीवन चक्र में....उदाहरण महर्षि बनने से पूर्व वाल्मीकि जी रत्नाकर नाम के खुंखार डाकू के नाम से जाने जाते थे, जो परिवार के पालन के लिए लोगों को लूटने का काम करते थे. जैसे ही उनको अपने कर्म का बोध हुआ तो वो रत्नाकर से महर्षि वाल्मीकि जी बने......और जैसे समय बदला तो वाल्मीकि जी ने संस्कृत में महाकाव्य रामायण की रचना की....इसलिए सभी अपने कर्म पे पूरा ध्यान दे आप ये कह के बच नहीं सकते की ईश्वर ने तो हमें हमारे भाग्य में यही लिखा था... क्योंकि ईश्वर ने आपको बुद्धि विवेक दिया है जिस के सहारे आप कर्म को सद मार्ग की और ले जा सकते है.....इस संसार में प्रत्येक जीव की सोच अलग अलग है कुछ लोग भाग्य के सहारे भी जीते है.....तो कुछ कर्म के सहारे..... ये तो जीव के विवेक की परीक्षा के ऊपर है....संतुलन रखे.....जीवन में..... आगे हरिहर इच्छा.... पवन शास्त्री
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हमारे जीवन की यात्रा में कर्म की भूमिका बहुत बड़ी है
जीव को कर्म की गति भोगने के लिए इस पृथ्वी लोक पे आना जाना पड़ता है
वापस आके फिर इस नरक भूमि में भोगना पड़ता है