Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreकेंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि चिकित्सा के पारंपरिक रूप की हमारी समृद्ध विरासत और क्षमता मानवता की पीढ़ियों को बेहतर, स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने के लिए समय की कसौटी पर खरी उतरी है। हमें चिकित्सा के इस उदार रूप का पूरा लाभ उठाना चाहिए- चाहे वह आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सोवा रिग्पा या होम्योपैथी हो।
सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के उद्घाटन के मौके पर बोलते हुए कहा कि "स्कूली बच्चों की स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए आयुष के पास आयुर्वेद जैसे कुछ मजबूत कार्यक्रम हैं; सुप्रजा: मातृ एवं नवजात शिशु के हस्तक्षेप के लिए आयुष; वयोमित्र जो आयुष आधारित वृद्धावस्था कार्यक्रम हैं; ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य मस्कुलोस्केलेटल विकारों के रोकथाम और प्रबंधन, आयुष मोबाइल चिकित्सा इकाइयाँ आदि आयुष प्रणालियों को मजबूत करेगी।"
आयुष मंत्रालय 2023-24 तक राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के सहयोग से 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एएचडब्ल्यूसी) चालू कराने की दिशा में काम कर रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य आयुष सिद्धांतों और कार्य प्रणालियों के आधार पर संपूर्ण स्वास्थ्य मॉडल स्थापित करना है ताकि बीमारी के बोझ को कम करने, जेब से बाहर खर्च और जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए "स्व-देखभाल" के लिए जनता को सशक्त बनाना है।
आयुष मंत्रालय ने अब तक 719.70 करोड़ रुपये दक्षिणी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना) को एनएएम के तहत 2014-15 में जारी किए हैं। मंत्रालय ने दक्षिणी राज्यों में 17 एकीकृत आयुष अस्पतालों को भी समर्थन दिया है और उनमें से 6 चालू हैं, जैसा कि उनके द्वारा बताया गया है। 12,500 एएचडब्ल्यूसी में से मंत्रालय ने पहले ही दक्षिणी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 2181 एएचडब्ल्यूसी को सहयोग किया है और उनमें से 1518 को उनके द्वारा चालू बताया गया है।
देशभर में आयुष, स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ एनएएम को जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए सुविधाओं को मजबूत और बेहतर बनाकर लागू किया जा रहा है। एनएएम के तहत, मंत्रालय ने कर्नाटक में 02 नए आयुष शैक्षणिक संस्थानों और आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में 01-01 आयुष शैक्षणिक संस्थान का भी सहयोग किया है और उनमें से 02 कर्नाटक में चालू हैं। वर्ष 2022-23 तक, 137 एकीकृत आयुष अस्पतालों को सहायता दी गई है और उनमें से 37 कार्यात्मक हैं, 86 निर्माणाधीन हैं और 14 प्रक्रिया में हैं। 2022 में एएचडब्ल्यूसी के माध्यम से 8.42 करोड़ से अधिक लोग आयुष चिकित्सा प्रणाली से लाभान्वित हुए।
Related Items
चिकित्सा की पारंपरिक पद्धतियों का पूरा लाभ उठाना चाहिए: आयुष मंत्री
देश में चिकित्सा पर्यटन का बढ़ रहा विस्तार, दुनिया के 46 गंतव्यों में भारत 10वें स्थान पर
भीम सेन सैनी स्मृति में लगा चिकित्सा शिविर