BREAKING NEWS

मीडियाभारती वेब सॉल्युशन अपने उपभोक्ताओं को कई तरह की इंटरनेट और मोबाइल मूल्य आधारित सेवाएं मुहैया कराता है। इनमें वेबसाइट डिजायनिंग, डेवलपिंग, वीपीएस, साझा होस्टिंग, डोमेन बुकिंग, बिजनेस मेल, दैनिक वेबसाइट अपडेशन, डेटा हैंडलिंग, वेब मार्केटिंग, वेब प्रमोशन तथा दूसरे मीडिया प्रकाशकों के लिए नियमित प्रकाशन सामग्री मुहैया कराना प्रमुख है- संपर्क करें - 0129-4036474

ई-श्रम कार्ड से असंगठित श्रमिकों की जिंदगी में आएगा बदलाव, जानें क्यों है जरूरी

‘श्रमेव जयते’ यानि श्रम की जय हो, लेकिन आजादी के बाद से ही देश के श्रमिक काफी पीछे छूटते जा रहे थे। मगर अब उन्हें असंगठित क्षेत्र से संगठित होने का मौका मिला है ई-श्रम कार्ड योजना से। इस योजना से देश के लगभग 38 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को असंगठित से संगठित होने का मौका मिला है। ई-श्रम कार्ड की खास बात ये है कि आने वाले समय में सरकार की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी जो भी योजनाएं होंगी, श्रमिकों को उनका लाभ दिया जाएगा। इस योजना के तहत उन्हें एक कार्ड भी दिया जाएगा, इस कार्ड के जरिए श्रमिक अगर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं, तो उन्हें अपने कौशल और सक्षम के आधार पर काम करने का मौका मिलेगा।

क्या है ई-श्रम कार्ड

ई-श्रम कार्ड के जरिए देश के करीब 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों का डाटा तैयार करना है। इस कार्ड पर श्रमिकों का 12 अंको का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर बनेगा। जिस पर उनके कार्य क्षेत्र और परिवार से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी। इससे उन्हें सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम सुविधाएं बिना बाधा के मिल सके। इसके अलावा जो श्रमिक जिस कार्य में पारंगत हैं, उस क्षेत्र में काम के लिए उनके लिए अवसर उपलब्ध कराना है। ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों ने भी भरोसा जताया है, जैसा की देख सकते हैं करीब 82 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। ऐसे में अगर सरकार के पास डाटा बेस होगा, तो सरकार की जो भी योजनाएं होंगी उनका फायदा मिलेगा। साथ सरकार इस डेटा बेस को देख कर ये निर्णय ले सकेगी कि क्या कुछ किया जा सकते है।

क्यों है ई-श्रम कार्ड जरूरी

दरअसल देखा गया कि देश में असंगठित क्षेत्र के तीन-चार तरह के श्रमिक या मजदूर काम करते हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा मदद की जरूरत है। इसमें एक ग्रामीण क्षेत्र में कृषि कार्य में या अन्य मेहनत मजदूरी करने वाले, दूसरे जो शहरों आदि में घरों में काम करते हैं, तीसरे वो जो खुद का रोजगार करते हैं, जैसे- रेहड़ी, पटरी वाले। इसके अलावा निर्माण कार्य में लगे मजदूर को भी सामाजिक सुरक्षा की जरूरत है। ऐसे में अभी तक जो भी योजनाएं सरकारें चलाती थीं या समय-समय पर कोई प्रयास होते थे, जैसे कोरोना काल में कई स्कीमें चलाई गई। लेकिन उस वक्त समस्या ये थी कि किस मजदूर या श्रमिक तक मदद पहुंच पाएगी या नहीं, इसके लिए कोई डाटाबेस नहीं था, कोई रिकॉर्ड नहीं था। ऐसा इसलिए क्योंकि ये श्रमिक एक जगह नहीं स्थायी नहीं रहते हैं। जहां काम मिलता हैं वहां चले जाते हैं। आज यहां कल दूसरे राज्य में। इनका एक जगह से दूसरे जगह पलायन होता रहता है।

बदलती तकनीक का प्रशिक्षण देना होगा आसान

कोरोना काल के बाद पूरी दुनिया में तेजी से बदलाव आया है। कई जगह तकनीक का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कभी कोई स्कीम है या मान लें कि निर्माण क्षेत्र में तकनीक बदल रही है और उन्हें इसके बारे में प्रशिक्षण देना हो। उस समय ये नंबर काफी मदद करेगा। इससे पुराने मजदूर जो अभी तक परंपरागत तरीके से काम कर रहा है, वह अपने कौशल बढ़ा कर नई चीजें सीख सकता है। इसके अलावा अक्सर असंगठित मजदूरों के पास हमेशा काम नहीं होता है, कई बार उन्हें महीने दिन तक खाली बैठना पड़ता है। ऐसे में हो सकता है कि आने वाले दिनों में ऐसी व्यवस्था बने कि उन्हें रोजगार के बारे में भी व्यवस्था कराई जाए।

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर कर रहे मदद

इस योजना को लेकर ध्यान देने वाली बात ये भी है कि श्रमिकों को अपने रजिस्ट्रेशन के लिए जगह-जगह चक्कर न काटना पड़े, इसके लिए कॉमन सर्विस सेंटर यानि सीएससी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसकी प्रक्रिया के बारे में सीएससी के अध्यक्ष सार्थिक सचदेवा बताते हैं कि लगभग हर गांव में कॉमन सर्विस सेंटर है और लोग वहां पहुंच रहे हैं। जहां तक डॉक्यूमेंट की बात है, तो मंत्रालय ने काफी आसान प्रावधान रखा है। श्रमिक केवल अपना आधार नंबर लेकर जा सकते हैं, अगर आधार से बैंक अकाउंट जुड़ा हुआ है, तो बैंक अकाउंट भी देने की जरूरत नहीं है। यानि बहुत ही सामान्य रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया है। 80 प्रतिशत से ज्यादा रजिस्ट्रेशन कॉमन सर्विस सेंटर से हुए हैं। अगर कोई खुद से कराना चाहता है तो www.eshram.gov.in पोर्टल के जरिए करा सकते हैं।

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जिंदगी में आएगा बदलाव

वहीं यूपी सोशल सेक्युरिटी बोर्ड के के उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर कहते हैं कि ई-श्रम कार्ड योजना से असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जिंदगी में काफी बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्यों को भी निर्देश दिया गया है और उन्हें बजट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही प्रचार प्रसार के लिए भी एक माड्यूल भेजा गया है। ये ई-श्रम कार्ड योजना मजदूरों के हक और उनकी आजीविका को बेहतर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इसका कोई शुल्क नहीं है।

इन जगहों से भी करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन

एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर- 14434 भी शुरू किया गया है। जिस पर कॉल करके कोई समस्या का समाधान पा सकते हैं। यहां ये भी जानना जरूरी है कि केवल सीएससी ही नहीं लेबर ऑफिस, प्रदेश की किसी भी सीएसी सेंटर पर जा सकते हैं या फिर खुद से भी फोन के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। बता दें कि ई-श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद एक कार्ड दिया जाएगा। जिस पर एक UN नंबर दिया होगा, जो कि काफी महत्वपूर्ण हैं। इस नंबर पर मजदूर के परिवार के सदस्य आदि की जानकारी होंगी।

इस सरकारी डेटाबेस में पीएम श्रम योगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) सहित सामाजिक सुरक्षा (पेंशन, बीमा) योजनाओं को जोड़ा जाएगा। असंगठित कामगार इस डेटाबेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। श्रम मंत्रालय ने ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए लगभग 404 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।

ई-श्रम पोर्टल और कार्ड से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें-

–देश के असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए ई-श्रम पोर्टल है

–देश के हर मजदूर का रिकॉर्ड रखा जाएगा

–पीएम श्रम योगी मानधन योजना का मिलेगा लाभ

–प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का मिलेगा लाभ

–प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के दायरे में आएंगे मजदूर

–संकट की घड़ी में श्रमिकों को योजनाओं का मिलेगा लाभ

–ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से 25 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा

–दुर्घटना बीमा पर एक साल का प्रीमियम सरकार देगी

–रजिस्टर्ड श्रमिक मृत्यु या पूर्ण अपंग होने पर 2 लाख रु. का होगा हकदार

–आंशिक रूप से विकलांग के लिए 1 लाख की राशि मिलेगी

–ई-श्रम कार्ड पूरे देश में होगा मान्य

–दूसरे राज्यों में काम मिलने में भी होगी आसानी

–देश के करोड़ों असंगठित कामगारों को पहचान मिलेगी

नारद संवाद


हमारी बात

Bollywood


विविधा

अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस: भारत में क्या है बाल श्रम की स्थिति, क्या है कानून और पुनर्वास कार्यक्रम

Read More

शंखनाद

Largest Hindu Temple constructed Outside India in Modern Era to be inaugurated on Oct 8

Read More