ई-श्रम कार्ड से असंगठित श्रमिकों की जिंदगी में आएगा बदलाव, जानें क्यों है जरूरी
Read Moreअगर बात करें द्वापर युग की करें तो नंदबाबा के पास लाखों गाय थी...आज सिर्फ मथुरा में गिनने बैठे तो हजारों की तादात में मिलेंगी..आज सिर्फ दूध निकाला और उसके बाद छोड़ देते है...रात्रि में पेड़ की पत्तियों को खाकर अपनी भूख शांत करती गौ माता....सिर्फ नाम की माता कलयुग के जीवों में सबसे ज्यादा प्रभाव गौमाता पे पड़ा....अब भी सुधर जाओ ब्रजवासियों नाये तो कन्हैया सब देख रहो है....
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