Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreवृंदावन। वृंदावन के आश्रमों में रहने वाली विधवाओं ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कोरोना महामारी का उपयोग एक अवसर के रूप में किया है।
इन महिलाओं ने खादी के मास्क की एक विस्तृत श्रृंखला पेश की है। ये मास्क बेहद आकर्षक और सस्ते हैं। इन डिज़ायनर मास्कों में श्रीकृष्ण की छाप प्रमुखता से दिखाई देती है।
हाल ही में मनाए गए अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस के अवसर पर रेशम और खादी से बनाए गए लगभग 1000 विशेष मास्क तैयार किए गए थे। इन मास्कों को विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी बेचा जाएगा। अभी तक अपने आश्रमों तक ही सीमित रहने वाली इन महिलाओं ने मास्क डिजायन करने में अपनी रुचि व्यक्त की थी। साथ ही, उन्होंने इन मास्कों पर श्रीकृष्ण के विभिन्न रूपों और शैलियों को चित्रित करने का फैसला किया।
सुलभ इंटरनेशनल के एक अधिकारी ने बताया कि तालाबंदी के दौरान आश्रमों में रहने वाली इन महिलाओं ने मोर पंख, बांसुरी और कई अन्य डिजायनों के साथ मास्क बनाने का प्रशिक्षण लिया। वे अब तक पांच हजार से ज्यादा मास्क तैयार कर चुकी हैं। इन मास्कों को पुलिस, सरकारी व सफाई कर्मचारियों के बीच वितरित किया गया है।
सुलभ इंटरनेशनल की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया कि इन बूढ़ी माताओं का वृंदावन शहर के साथ एक विशेष संबंध है। इसलिए वे इसके जरिए कृष्ण का सम्मान करना चाहती थीं। फिलहाल ये महिलाएं प्रतिदिन कम से कम 200-300 मास्क तैयार कर रही हैं। इन मास्कों की बिक्री से ये माताएं सीधे लाभान्वित होंगी।
मास्टर शेफ विकास खन्ना भी इस अभियान से जुड़े हुए हैं। उनके विशेष भोजन अभियान के तहत, वृदावन के सात आश्रमों में भोजन और अन्य आवश्यक सामान वितरित किए गए। ध्यान रहे, सुलभ इंटरनेशनल विभिन्न आश्रमों में रहने वाली विधवाओं की देखभाल का काम करता है।
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