Bad luck comes from having these things at the main door of the house, the person remains buried under debt.
Read Moreमथुरा। नयति मेडिसिटी में क्षेत्र की पहली थर्मल स्क्रीनिंग मशीन लगायी गयी है, जिसके बाद नयति में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की बिना किसी सहायता के केवल आँखों के रेटिना के माध्यम से ही थर्मल स्क्रीनिंग की जा सकेगी, जिससे किसी के भी शरीर का बाहरी अथवा अंदर के तापमान का पता चल सकेगा। इस थर्मल स्क्रीनिंग के बाद परिसर में आने वाले किसी भी संक्रमित की पहचान की जा सकती है।
जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्रा ने कहा कि देश में कोरोना के मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सभी को बचाव और जांच की नीति अपनानी पड़ेगी। नयति मेडिसिटी द्वारा थर्मल स्क्रीनिंग मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा लिए काफी कारगर साबित होगी।
नयति ने लॉकडाउन के समय में भी क्षेत्रवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं पहुंचायी थीं और मुझे जानकर बेहद खुशी हुई कि नयति में आज भी पूरी तरह से सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए मरीजों की देखभाल की जा रही है।
एसीएमओ डॉ राजीव गुप्ता ने कहा कि नयति में रेटिनल थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से जांच करने के बाद ही मरीजों को ओपीडी में भेजा जा रहा है। यह मशीन नॉन टच मैथड से सटीक टैम्प्रेचर बताती है। मरीजों तथा नयति में काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से यह एक बेहतरीन मशीन है।
नयति हैल्थकेयर की चेयरपर्सन नीरा राडिया ने कहा कि नयति मेडिसिटी, मथुरा कोरोना संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षित है, कोविड संक्रमण से सुरक्षा के लिए हमारे पास सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की तकनीक है। नयति में आने वाले मरीजों, डॉक्टरों तथा स्टाफ की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।
इस मशीन के द्वारा शरीर के बाहरी या आंतरिक तापमान की सटीक एवं तेज जाँच प्रकिया बिना मानवीय हस्तक्षेप के हो जाती है। इसमें लगा थर्मल कैमरा आंखों के रेटिना के माध्यम से मानव शरीर के आंतरिक तापमान को माप लेता है।
नयति आने वाले हर व्यक्ति को दरवाजे जैसी इस मशीन से होकर गुजरना पड़ता है, शारीरिक तापमान ज्यादा होने पर बीप की तेज आवाज वाले अलार्म द्वारा सूचना प्राप्त हो जाती है, और उन्हें हॉस्पिटल में नहीं जाने दिया जाता, और अस्पताल परिसर के बाहर, आपातकालीन विभाग के पास बने बने फ्लू सेंटर पर भेज दिया जाता है। शरीर का सामान्य तापमान होने पर तथा आईसीएमआर द्वारा निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही व्यक्ति ओपीडी तक जा सकता है।
इसके अलावा हॉस्पिटल में प्रवेश करने वाले संक्रमित लोगों से बचाव एवं संक्रमण रोकने के लिए कई अन्य उपाय भी किये गए हैं। जिसके अंतर्गत परिसर में निरंतर सफाई एवं कीटाणुशोधन, फ्लू जैसे लक्षणों वाले रोगी और स्टाफ की निरंतरता से जांच होती है। इसके लिए स्पेशल फ्लू (बुखघर) क्लिनिक बनाया गया है, जिससे सामाजिक दूरी का पूरी तरह पालन होता है।
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